Add To collaction

खत

प्रीत जगाकर मेरे मन में, जा बैठे किस देश पिया।

प्रियवर मेरे कब आओगे, बिन तेरे घबराए जिया।

खत में तेरी महक छुपी है, बहक गया मन बौराया,
तन मेरा बस यहां रुका है, दिल तेरे नजदीक पिया।

आँख लगे सपने भी देखे, हम तुम दोनों संग चले,
सपना टूटा दूर कहाँ तुम, हुई राम से दूर सिया।

ख्वाब हमारे होंगे सब सच, कुछ समय का फेर है ये,
खत की जरूरत फिर न होगी, नैन मिले बेचैन किया।

कागद लेखन बहुत हुआ अब, घोड़ी चढ़ कर आओ तुम,
दुल्हन अपनी लेकर जाओ, सप्दपदी संस्कार जिया।

राह तुम्हारी ताक रहे हैं, दीद मिले तो चैन मिले,
शहनाई आंगन में बाजे, ऐसी सूरत करो पिया।

भूल न जाना प्रेम मिलन 'श्री', जीवन तेरे नाम सजन,
बिछड़ के तुमसे जी न पाएं, हमने जग से कूच किया।

स्वरचित-सरिता श्रीवास्तव "श्री"
धौलपुर (राजस्थान) 

   7
2 Comments

Reena yadav

26-Aug-2023 08:05 PM

👍👍

Reply

Sarita Shrivastava "Shri"

26-Aug-2023 05:28 PM

👌👌

Reply