कब होता है






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ऐसा कब होता है फल पेड़ से नफ़रत कर लें
आप कहते हैं कि मिट्टी से बग़ावत कर लें


हम कोई तल्ख़ नहीं मीर के दीवाने हैं
कैसे बिगड़े हुए शेरों से मुरव्वत कर लें


दरमियां कोई न आएगा न आ पाएगा
आप हम लोग गर थोडी भी जुर अत कर लें


दो रज़ा मंद दिलों की है कहानी सारी
प्यार करने के लिए कैसी इजाज़त कर लें


या ख़ुदा जो मेरी गुज़री है मैं ही जानता हूँ
काश कहते रहे जो, काश वो हिम्मत कर लें


अपने हक़ का ही फ़क़त रखना मुनासिब है 'असद'
कैसे दूजे की महब्बत से महब्बत कर लें


वैभव असद अकबराबादी 🖤





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4 Comments

बेहतरीन अभिव्यक्ति

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Reyaan

12-Dec-2023 07:41 PM

Nice

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Gunjan Kamal

08-Dec-2023 07:53 PM

👏👌

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