हम सह सकते थे

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सहन किया था क्योंकि हम सह सकते थे
वर्ना हम भी काफ़ी कुछ कह सकते थे


हैरानी है उनको बदल गया हूं मैं
ख़ुद भी तो पहले जेसे रह सकते थे


हाथ पैर फेंके तो दरिया पार हुआ
क़िस्मत पर रह जाते तो बह सकते थे


उसको देखा जा सकता है वर्ना तो
हम उस शख़्स को ख़ुश्बू भी कह सकते थे


दोनो के शिकवों ने रब्त गिरा डाला
यार मगर शिकवे भी तो ढह सकते थे


मैंने तुमको दोस्त कहा था दोस्त 'असद'
बुरा भला आगे आ कर कह सकते थे


वैभव असद अकबराबादी 🖤

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7 Comments

खूबसूरत भाव और अभिव्यक्ति

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Rupesh Kumar

07-Jan-2024 09:19 PM

Nice

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Gunjan Kamal

31-Dec-2023 11:16 AM

👏👌

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