रौशनी
बंद कमरे के अंधेरों में रौशनी आने दो
बहुत मायुश हूँ जरा मुझे मुस्कराने दो
माना की बाहर बहुत सर्द मौसम है
बहुत गहरी धुंध छाई है
इंसान को इंसान नही दे रहा दिखाई है
जज्बाते दोस्ती के हाथ उठाओ
हथेलियों पर प्यार की गर्माहट आने दो
बहुत मायुश हूँ जरा मुझे मुस्कराने दो |
$ु
HARSHADA GOSAVI
18-Jan-2024 09:18 AM
👍⭐👌
Reply
Sushi saxena
16-Jan-2024 08:16 PM
Nice
Reply
Varsha_Upadhyay
14-Jan-2024 12:33 PM
Nice one
Reply