सादगी
सादगी तो हमारी जरा देखिये
ऐतबार आपके वादे पर कर लिया
बात तो सिर्फ इक रात की थी मगर
इंतज़ार आप का उमर भर कर लिया !
इश्क में उलझने पहले ही कम ना थी
और पैदा नया दर्द-ए-सर कर लिया
लोग डरते हैं कातिल की परछाई से
हमने कातिल के दिल में भी घर कर लिया !
जिक्र इक बेवफा और सितमगर का था
आप की ऐसी बातों से क्या वास्ता
आपतो बेवफ़ा और सितमगर नहीं
आप ने किस के लिए मुंह उधर कर लिया !
जिंदगी-भर के शिकवे-गिले द बहुत
वक़्त इतना कहाँ था के दोहराते हम
एक हिजकी में केह डाली सब दास्तां
हम किस्से को यूं मुख्तसर कर लिया !
बेकरारी मिलेगी मिटेगा सुकून
चेन छिन जाएगी नींद उड़ जाएगी
अपना अंजाम सब हम को मालूम था
आपसे दिल का सौदा मगर कर लिया !
जिंदगी के सफर में बहुत दूर तक
जब कोई दोस्त आया ना हमको नज़र
हमने घबरा के तन्हाइयों से सदा
एक दुश्मन को खुद हमसफ़र कर लिया !
सादगी तो हमारी जरा देखिये
ऐतबार आपके वादे पर कर लिया
बात तो सिर्फ इक रात की थी मगर
इंतज़ार आप का उमर भर कर लिया !
नंदिता राय
12-Feb-2024 05:13 PM
Nice
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Gunjan Kamal
02-Feb-2024 04:35 PM
👏👌
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Varsha_Upadhyay
31-Jan-2024 02:30 PM
वाह बहुत खूब
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