Khushi jha

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खेल

जिन्दगी है एक खेल,
कोई पास कोई फेल।
रे मन ना खुद को,
पाप में धकेल।
किसी का किसी से ,
ना कोई है मेल।
जितना हो सके,
सुख दुख को झेल।
क्युंकि ,
जिन्दगी है एक खेल,
कोई पास तो कोई फेल।


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4 Comments

Niraj Pandey

23-Oct-2021 10:04 AM

बहुत खूब

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बहुत अच्छे 👌👌

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Swati chourasia

22-Oct-2021 04:19 PM

Very nice 👌

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