खेल

1 Part

236 times read

7 Liked

जिन्दगी है एक खेल, कोई पास कोई फेल। रे मन ना खुद को, पाप में धकेल। किसी का किसी से , ना कोई है मेल। जितना हो सके, सुख दुख को ...

×