Tabassum

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एहसास


ये कैसा एहसास है 
दूर रहकर भी तू पास है 
तेरी सांसों की गर्मी 
पिघला रही है मुझे 
धीमी सी अग्नि सुलगा 
रही है मुझे
अधरों की हरकत 
मत पूछो 
अधरों को पुकार रही 
बाँहों में डालकर बाँहे 
स्वप्न सेज मुझे पुकार रही 
धड़कने बढ़ने लगी 
साँस तेज चलने लगी 
तेरी सांसें बहका रही है मुझे 
यौवन मेरा दहक रहा 
विरह अग्नि में तड़प रहा 
पर तेरे प्यार का अहसास 
तुझमें मुझको डूबा रही 
आँखों से तेरे पीकर 
तन मन मेरा सरस गया 
सीने से लगकर तेरे 
प्रेम धुन मैं गा रही 
तुम्हारी सांसें आकर 
वहाँ से मेरी सांसे महका रही 
तन बदन मेरा सुलग गया 
जो टकराया तेरा यौवन 
मेरे यौवन से 
मेरा सर्वस्व भींग गया 
हो गई मैं ऐसे मतवाली 
तेरी आगोश में सिमट गई 
तुमने देखा ऐसे मुझको 
तेरे सीने से लिपट गई..

♥️♠️♥️
             

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2 Comments

Gunjan Kamal

01-Mar-2024 11:41 PM

शानदार

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Mohammed urooj khan

29-Feb-2024 03:46 PM

👌🏾

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