शिकायत
शिकायतों की भी कोई इब़्तिदा तो हो
उनसे हो कोई भूल हमसे ख़ता तो हो!!
हमसे भी हो जाएगी एक रोज शायरी
एकरोज हमसे रूठकर वो जुदा तो हो !!
टूटेंगे तो कभी उन ख़ामोशियों के दर्द
इस दश्ते विरानी में कोई सदा तो हो!!
उनकी तलाश में जाएं अब कहाँ जाएं
खुद की ख़बर मिलेअपना पता तो हो /!!
कर लेंगे हम भी तौबा, सारे गुनाहों से
निगाहों के सामने अपना खुदा तो हो!!
खुशगवार यह मौसम,कब्र का अपनी
है तंग सी जगह, पर थोड़ी हवा तो हो!!
Mohammed urooj khan
04-May-2024 12:23 PM
👌🏾👌🏾👌🏾
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Varsha_Upadhyay
03-May-2024 02:13 PM
Nice
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