खत
ख़त के छोटे से तराशे में नहीं आएँगे ,,,
ग़म ज़ियादा हैं लिफ़ाफ़े में नहीं आएँगे,,,
हम न मजनूँ हैं न फ़रहाद के कुछ लगते हैं,,,
हम किसी दश्त तमाशे में नहीं आएँगे,,,
मुख़्तसर वक़्त में ये बात नहीं हो सकती,,,
दर्द इतने हैं ख़ुलासे में नहीं आएँगे,,,
उस की कुछ ख़ैर-ख़बर हो तो बताओ यारो,,,
हम किसी और दिलासे में नहीं आएँगे,,,
जिस तरह आप ने बीमार से रुख़्सत ली है,,,
साफ़ लगता है जनाज़े में नहीं आएँगे...!!
hema mohril
23-May-2024 02:38 PM
V nice
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Gunjan Kamal
22-May-2024 08:29 PM
👌🏻👏🏻
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