Tabassum

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डायरी


आज फिर कदम लड़खड़ाए है
डायरी के पुराने पन्ने फड़फडाए है

थोड़ी सी जमी इस पर धूल है
एक गुलाब का सूखा हुआ इसमे फूल है 

यादों के झरोखे मे ये मुझे ले आए है
कुछ पुराने गीत आज फिर गुनगुनाए है 

कुछ नाम लिखे है कुछ पते लिखे है
यादों मे किसी के बिताए  
कुछ लम्हे लिखे है

एक तस्वीर भी है पुरानी सी
जो छुपा कर रखी थी सबसे
डायरी की जिल्द के नीचे

एक खत भी है
मुड़ा हुआ सा इसके साथ

जो लिखा था उसके लिए
मगर कभी उसे दे नही पाया 

कुछ गीत लिखे है
जो अक्सर वो गुनगुनाया करती थी

कुछ ख्वाब लिखे है
जो अक्सर मैं देखा करता था

कुछ पन्ने खाली भी है
मेरे जीवन के ख़ालीपन की तरह  
जो शायद अब खाली ही रहेंगे
 जो शायद अब खाली ही रहेंगे ...

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1 Comments

RISHITA

05-Jun-2024 02:01 PM

V nice

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