डायरी

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आज फिर कदम लड़खड़ाए है डायरी के पुराने पन्ने फड़फडाए है थोड़ी सी जमी इस पर धूल है एक गुलाब का सूखा हुआ इसमे फूल है  यादों के झरोखे मे ये ...

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