ग़ज़ल
🌹🌹🌹🌹 ग़ज़ल 🌹🌹🌹🌹
अगर आप की मह्रबानी रहेगी।
दिल-ए-मुज़तरिब पर जवानी रहेगी।
चुका जाइए क़र्ज़ बोसे का दिलबर।
ह़सीं रुख़ पे कुछ शादमानी रहेगी।
दरस आप के यूं ही होते रहे तो।
हर इक शाम अपनी सुहानी रहेगी।
नई ज़र्ब दिल पर लगा दीजिए फिर।
मुह़ब्बत की ताज़ा निशानी रहेगी।
बना लीजिए जाविदां जल्द इस को।
फ़क़त चार दिन ज़िन्दगानी रहेगी।
सलामत रहे सर के तन से जुदा हो।
लबों पर मगर ह़क़ बयानी रहेगी।
लुटा दीजिए जान इ़श्क़-ए-वतन में।
मिसालों में ज़िन्दा कहानी रहेगी।
फ़राज़ आप आने में क़ासिर रहे गर।
मिरी हर ख़ुशी बे-मआ़नी रहेगी।
सरफ़राज़ हुसैन फ़राज़ पीपलसानवी।
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HARSHADA GOSAVI
06-May-2025 05:40 PM
V nice
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