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बचपन



कामयाबी की 
रेस में, 
जीना भुल गया हैं
 इस इन्सान का तन...
 
सब कुछ है 
फिर भी, 
 कुछ लम्हो को 
दोहराना चाहता है मन...

तभी बार बार कहता है मन
अब बस हो गया
मुझे फिर से दोहराना है 
वो बिछडा हुआ बचपन... 

✍Rushi. P. Dhavde...
Insta id-@rd_innovation_07

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3 Comments

लाजवाब लाजवाब लाजवाब

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Diksha Srivastava

10-Apr-2021 12:18 PM

good

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Rushi. P. Dhavde

11-Apr-2021 08:00 PM

Thank you❤🙏

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