Ankit Raj

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हाँ हम लड़के है

हाँ हम लड़के है जनाब


अपना गम बटुऊँ किससे
हर गम को छुपाना पड़ता है
अपनी नैनों से भी नीर निकलते है
उसे नैनों में ही छुपाना पड़ता है
हाँ हम लड़के है जनाब
लोगों को झूँठी मुस्कान दिखाना पड़ता है

लड़के कभी रोते नहीं
यही सिखाया जाता है
चाहे दिल टूटे या खिलौना
नैनों में भरी नीर को पलकों में छुपाना पड़ता है
हाँ हम लड़के है जनाब
सदा चेहरे पर मुस्कान दिखाना पड़ता है

पैसा पेड़ पर नहीं लगते 
हर बार बताया जाता हैं
परिश्रम ही सफलता की कुंजी है
हमें पढ़ाया जाता है
हाँ हम लड़के है जनाब
हमें जिम्मेदारियों से ससक्त बनाया जाता हैं

हाँ हम भी कृष्ण जैसा प्रेम करते है
पर हमें भी राधा तो मिलती नहीं
कंधे पर जिम्मेवारी आते ही
रुकमणि संग घर बसाना पड़ता हैं
हाँ हम लड़के है जनाब
हमें सब कुछ भूलाकर आगे बढ़ना पड़ता है

पहले पिताजी के पैसे उडाया करते थे हम
आज पिता बन पैसा बचाना सीख जाते है
जो देखे थे सपने हम ने
आज संतानों को सपना पूरा करवाना सीख जाता है
हाँ हम लड़के है जनाब
वक्त के साथ हमें भी बदलना पड़ता है

सास बहू के झगड़े में हमें ही
दोनों की बातें सुनना पड़ता है
एक ने जिंदगी दी, एक का जीवनसाथी हूँ
दोनों के नोक झोक में जीना पड़ता है
हाँ हम लड़के है जनाब
दोनों को प्रेम से मनाना पड़ता है

तुम उसके जैसे क्यों नहीं हो
ये ताना भी तो सुनना पड़ता है
बार बार गिर कर भी
खुद ही तो सम्हलना पड़ता है
हाँ हम लड़के है जनाब
हमें मुश्किल हालातों को सम्हालना पड़ता है

                                   ✍अंकित राज

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15 Comments

Bittu Raj

07-May-2022 03:41 PM

बहुत ही अच्छा कविता

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Raj Ankit Maurya

18-Dec-2021 07:49 AM

Wahh

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Dr. SAGHEER AHMAD SIDDIQUI

16-Dec-2021 11:03 AM

Wah

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