Vipin Bansal

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नमन

दिलों में ग़म, आँखे हैं नम ! 

तुम्हारी खुशबू से महका वतन ! 
छोड़कर हमको ओ जाने वालों ! 
तुमको नमन - तुमको नमन ! 
तुमको नमन - तुमको नमन ! 

राष्ट्र ध्वज की पहचान तुम ! 
इस तिरंगे का मान तुम ! 
इस तिरंगे की शान तुम ! 
मेरे हिन्द की जान तुम ! 
मेरे हिन्द का अभिमान तुम ! 
काल के मिटाए न मिटे ! 
ऐसी अमिट पहचान तुम ! 
काल घर भी अब होंगे रौशन ! 
मेरे हिन्द का आफ़ताब तुम ! 
कभी न भूल पाएंगे हम ! 
हिन्द के तुम थे नयन ! 
छोड़कर हमको ओ जाने वालों ! 
तुमको नमन - तुमको नमन ! 
तुमको नमन - तुमको नमन ! 

रगों में दौड़ते उस रक्त को मेरा नमन ! 
जिससे सींचा तुमने मेरा प्यारा ये वतन ! 
उस कोक को मेरा नमन ! 
जिससे लिया तुमने जन्म ! 
बहना की राखी को नमन ! 
भाई की बाज़ू को नमन ! 
पिता के इंतजार में बैठी ! 
उन आँखो को मेरा नमन ! 
मांग के सिंदूर से ! 
रंग दिया जिसने वतन ! 
कुरबान कर दी सारी खुशियाँ ! 
उस त्याग को मेरा नमन ! 
लूट गए श्रृंगार सभी ! 
उस सूनी माँग को मेरा नमन ! 
पंच तत्व में जो हुई विलीन ! 
उस देह की खाक को मेरा नमन ! 
छोड़कर हमको ओ जाने वालों ! 
तुमको नमन - तुमको नमन ! 
तुमको नमन - तुमको नमन ! 

वीरता की छाप तुम्हारी ! 
कभी न मिटने पाएगी ! 
शौर्य की गाथा तुम्हारी ! 
नस्ले नई दोहराएंगी ! 
तुम्हारे पद चिन्हों पर चलकर ! 
नया भारत बनाएंगी ! 
काल की छाती पर चढ़कर ! 
सूरज नया उगाएंगी ! 
जो सपन देखे थे तुमने ! 
उसे जमीं पर लाएंगी ! 
तुम्हारे सपनों को जिएंगे हम ! 
हकीकत में बदलेंगे सारे सपन ! 
छोड़कर हमको ओ जाने वालों ! 
तुमको नमन - तुमको नमन ! 
तुमको नमन - तुमको नमन ! 

      विपिन बंसल 

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8 Comments

Seema Priyadarshini sahay

16-Dec-2021 09:21 PM

बहुत खूबसूरत

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शब्दाक्षर

16-Dec-2021 07:29 PM

भावुक शब्द

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Shrishti pandey

16-Dec-2021 02:47 PM

Bahut sundar

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