लेखनी प्रतियोगिता -18-Dec-2021
आँखे बंद करके भी देखू मै हकीकत को
वंहा भी चार लोग मुझे देते आये नसीहते
ये चार लोग है वही , जो कभी ना सोचे अच्छा मेरे बारे में
हर बार मेरे काम में आके ढूंढते कमी कोई
ये चाहते कभी ना हो पाऊ मै सफल
मंजिले मिल ही जानी मुझे कर रहा हु मै हसल
भुला के पिछली बातो को ,भविष्य की चिंता छोर
आज में मै जी रहा
माँ - बाप के अलावा दूजा कोई अच्छा चाहे ना
हकीकत बस यही है |
Shrishti pandey
19-Dec-2021 03:23 PM
Nice
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Gunjan Kamal
19-Dec-2021 10:49 AM
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति 👌👌
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Swati chourasia
19-Dec-2021 08:23 AM
Very nice
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