क्योंकि अहसास जगाना था
वीनू हम शादी कब करेंगे ,28 साल का हो गया हूं,घर पर भी मम्मी डैडी का दबाव शादी को लेकर बढ़ रहा हैं_सलिल ने कहा।
तो कर लो ना किसी से शादी , मैं तो अभी शादी के लिए 1,2 साल बाद ही सोचूंगी। मैं लाइफ एंजॉय करना चाहती हूं,शादी ब्याह के बंधन , सो कॉल्ड रीति रिवाज,सास बहू वाला ड्रामा मुझे तो अजीब बचकाना लगता है।
हम रह तो रहे हैं आराम से,क्या दिक्कत है तुम्हें,सिगरेट जलाती बीना ने मुंह बनाते हुए कहा और बेडरूम में चली गई।
रात भर सलिल सो नहीं सका।
सलिल और बीना मुंबई में लिव इन रिलेशन में रह रहे थे।
मुंबई आने पर मकान की बहुत दिक्कत हो रही थी ,सलिल को बैचलर जान कोई किराए पर कमरा देने को तैयार नहीं था।
ऐसी ही हालत से बीना भी जूझ रही थी। मॉडलिंग करने मुंबई आई थी ,तमाम कोशिशों के बाद उसे दो चार कॉन्ट्रेक्ट मिल गए थे।
किस्मत ने एक दूसरे को मकान की तलाश में मिलवा दिया।
उन्होंने साथ साथ मकान ढूंढने का इरादा किया।जल्द ही मेहनत रंग लाई।
उन्हें टू बीएचके का फ्लैट मिल गया।
बीना बेपरवाह ,बिगड़ैल लड़की थी
तलाकशुदा सिंगल मदर की परवरिश ने बीना को जीवन के प्रति लापरवाह बना दिया था , परिवार क्या होता है वह नहीं जानती थी।
दोनों साथ साथ रहते ,लेकिन दोनों के व्यवहार में जमीं आसमां का फर्क था।खाना भी सलिल बना लेता था,बीना के कपड़े पूरे घर में बिखरे पड़े रहते,सलिल उसे समेटता।
सलिल को याद आ रहा था कि कैसे वो 10 दिन के लिए अपनी बीमार मम्मी को देखने गया था ,और यहां बीना की हालत खराब हो गई थी ।खाना ,कपड़े सब अस्त व्यस्त,जिसके कारण इसके कुछ प्रोजेक्ट हाथ से निकल गए थे।
उस समय बीना को सलिल की अहमियत पता चल गई थी।
सलिल जब वापस आया तो वीना ,भावनाओं में आ उसके सीने से लग गई _कहां चले गए थे पागल? मुझे तुम्हारे बगैर रहने की आदत नहीं है।वादा करो अब मुझे छोड़ कर कभी कहीं नहीं जाओगे।
प्यार का अहसास तो सलिल को भी था लेकिन वह बीना के बेपरवाह स्वभाव और खुलेपन को देख, कभी कह नहीं पाया।
आज जब बीना को खुद से प्यार का इजहार करते सुना तो उसे यकीन नहीं हो रहा था।
समय अपनी गति से बीत रहा था, दोनों एक साथ एक छत के नीचे थे,लेकिन बीना के स्वभाव में ज्यादा बदलाव नहीं था।
लेकिन अब सलिल ने एक फैसला लिया ,रात को ही उसने सामान पैक कर लिया,और सुबह होते वो अपने शहर इंदौर चला गया,अपने मम्मी , डैडी के पास।
उसने वीना के लिए खत छोड़ रखा था।
सुबह वीना उठी ,उसने देखा सलिल गायब है ,उसका सामान भी नहीं था।वह बौखला गई,सामने एक खत रखा था,उसने पढ़ना शुरू किया।
डियर वीना
मुझे नहीं पता कि मैं तुम्हें छोड़ कैसे रहूंगा,लेकिन ये भी सच है कि तुम स्वार्थी हो ,तुम्हें अपनी जिंदगी के अलावा किसी की परवाह नहीं। मैं अपने मम्मी डैडी का इकलौता बेटा हूं,मम्मी डैडी ने मुझे पाल कर बड़ा किया ,अब उनकी उम्र होने लगी ,उन्हें भी सहारा चाहिए उन्हें परिवार का साथ चाहिए,तुम्हारे खुलेपन को शायद मेरे मम्मी डैडी,मेरी खातिर स्वीकार भी कर लेते लेकिन तुम परिवार ,शादी नाम के बंधन से बंधना नहीं चाहती इसलिए अब मैं इंदौर जा रहा हूं ,मम्मी ने बहुत दिनों से एक रिश्ता देख रखा था ,लेकिन मैं ही मना करता रहा।
मै जा रहा हूं।मैने तुम्हारे न कहने पर मम्मी को उस लड़की से शादी करने के लिए हामी भर दी है।
14 की शादी की तारीख है ,आज 10 तारीख है।
आगे क्या लिखूं मैने तुम्हें पूरी तरह आजाद कर दिया।तुम जब चाहो शादी करो ,जिंदगी को एंजॉय करो।
तुम्हारा
सलिल।
वीना ने खत रख दिया ,और तैयार होने लगी आज उसकी फोटोशूट थी।
लेकिन मन के कोने में कहीं एक खालीपन एक हूक सी उठ रही थी,मन कर रहा था खूब चिल्लाए ,खूब रोए।
लेकिन क्या फायदा? फैसला तो उसी का था।
आज उसे वो गीत याद आ रहा था
"प्यार का दर्द है ,मीठा मीठा प्यारा प्यारा।
ये हसीन दर्द ही ,दो दिलों का है सहारा।"
फोटोशूट भी कैंसल हो गई ,उसके चेहरे पर खुशी के भाव आ ही नहीं रहे थे।
किसी तरह दोस्तों के पास जा एक दिन काटा लेकिन दूसरा दिन काटे नहीं कट रहा था।
उसने 12 तारीख तक खुद को खूब समझाया लेकिन दिल उसका दिमाग की सुनने को तैयार नहीं था। इतने दिन उसने शराब,सिगरेट को छुआ भी नहीं।बस सलिल के साथ बिताए पलों को याद करती और रोती।
उसकी मम्मी उसे समझाती और कहती तू ठीक कर रही ,ये सब त्वरित आवेग है, जो कुछ दिनों बाद खुद ब खुद शांत हो जाएगा।
लेकिन वो दिल के हाथों अब मजबूर थी ,वह सलिल को किसी और का होते नहीं देख सकती थी।
अब तक तो उसे अपने रूप सौंदर्य का गुमान था ,उसे लगता था कि सलिल की वो कमजोरी है
आज उसे अहसास हुआ ,वो बहुत आहत हुई।
आखिर उसने सलिल को फोन किया , मैं आ रही हूं मुझे स्टेशन लेने आ जाना।
सलिल ने कहा घर में बहुत काम है,शायद आ न पाऊं।
ठीक है, मै खुद ही आ जाऊंगी _वीना ने कहा।सलिल अवाक था ,इतनी शांत तो वीना हो नहीं सकती।
वीना स्टेशन पर उतरी ,सलिल पहले से उसके इंतजार में खड़ा था।
वीना दबे स्वर में बोली क्यों तुम्हें काम नहीं था।
सलिल ने कहा _हां ,काम छोड़ कर आया हूं ,अब तुम्हें घर छोड़ ,प्रिया को उसकी शॉपिंग कराने ले जाऊंगा।
अंदर ही अंदर जल भुन गई वीना।
रास्ते में चोरी चोरी सलिल बीना के चेहरे के भावों को पढ़ रहा था।
वीना ने कहा ,सलिल तुम किसी अंजान लड़की से कैसे शादी कर सकते हो ?
क्यों,शादी के बाद भी तो जाना का सकता है,आखिर मेरे मम्मी पापा भी तो पहले एक दूसरे से अनजान थे ,आज उनकी जोड़ी सबसे परफेक्ट है_सलिल ने कहा।
वीना फिर शांत हो गई।फिर थोड़ी देर में उसने कहा _सलिल क्या तुम्हें मेरी याद नहीं आएगी ,हमारा प्यार।
सलिल _आएगा ,लेकिन क्या करूं तुम्हें तो शादी ही नहीं करनी थी।कैरियर,आजादी ये सब तुम्हारे लिए मायने रखता है।
वीना ने कहा _सलिल क्या तुम अभी भी मुझसे शादी करने को तैयार हो?
सलिल ने कहा _अब तुमने देर कर दी वीना।
इतना सुनते वीना फफक फफक कर रो पड़ी,बहुत देर से जो आसुओं का सैलाब दबा रखा था वो बांध टूट गया।
सलिल ने गाड़ी रोकी।रुमाल धीरे से पकड़ा दिया।
पगली , तुम रो रही हो।घर पहुंचो,मम्मी को बताता हूं कि तुम्हारी रोने वाली बहू ले आया।
वीना रोती जा रही थी,अचानक बहू सुन वह रोना बंद कर सवालिया निगाहों से सलिल को देखने लगी।
क्या कहा तुमने?वीना बोली।
यही कि मैं तुमसे ही शादी कर रहा हूं,मुझे पक्का यकीन था कि मेरी जुदाई तुम सह नहीं पाओगी ,तुम्हारे सोए हुए प्यार के अहसास को मैं और मम्मी ने जगाने के लिए ये प्लान बनाया था।
वीना को ऐसा सरप्राइज़ मिलेगा इसकी उम्मीद नहीं थी।
घर पहुंचते सभी ने उसका स्वागत किया।मम्मी ,पापा के साथ मिलकर उसे पता चला परिवार क्या होता है।
शादी में वीना की मम्मी भी आईं।
सलिल के परिवार की आत्मीयता को देख उनका भी शादी को लेकर भ्रम टूट गया।
आखिरकार 14 की वो झिलमिलाती शाम थी पूरा घर रोशनी से नहाया हुआ था ,मम्मी डैडी खुश थे आखिर उनके इकलौते बेटे की शादी जो थी।
उस जगमगाती शाम को दोनों एक दूसरे को जयमाला डालते हैं।तालियों की गड़गड़ाहट से पूरा समां गूंज उठता है।
अब वे जनम जनम के लिए एक दूसरे के होने वाले थे।
समाप्त
Dr. SAGHEER AHMAD SIDDIQUI
22-Dec-2021 05:52 PM
Nice
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रतन कुमार
22-Dec-2021 09:23 AM
Bahut achi kahani h
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Shrishti pandey
22-Dec-2021 07:46 AM
Bahut badhiya
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