Madhu Arora

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लेखनी प्रतियोगिता -27-Dec-2021संभल जाएगा

गुजर जाएगा

न टूटो बिखरो तुम आज,
मैं हूँ तुम्हारे साथ ।
रख दो अपना सर मेरे कांधे पर,
मैं तुम्हारे साथ हूं।
धीरे-धीरे वक्त भी गुजरेगा प्यारे,
आज परेशानी है भारी।
अब हिम्मत की है बारी,
दोस्त को कभी बेगाना ना समझना यार,
परेशानी का हल है वक्त के पास।
मासूम सा चेहरा तेरा,
आंखें अश्रु से भरी।
कैसे दूँ मे सांत्वना,
शब्द नहीं है मेरे पास।
दुखी की घड़ियांँ लंबी लगती,
काटे नहीं कटते दिन रात।
भूख प्यास कुछ भी ना लगे,
बदले जब जीवन के हालात।
बच्चे भी देखो रो रहेष
बिलख बिलख कर आज,
कैसे संभालूंँ मैं उनको सोचूंँ बारंबार।
 धैर्य कैसे धरूँ  मैं आज ,
प्रियतम नहीं है मेरे पास।
संभाले कौन अब मुझे,
बस में नहीं मेरे जज्बात।
नीर बहे बस इन  आंँखों से ,
नहीं है मन में चैन।
साथ छोड़ गया साथी मेरा,
बीच भंवर मझदार।।
          रचनाकार ✍️
          मधु अरोरा
          27.12..२०२१
प्रतियोगिता के लिए



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4 Comments

Shrishti pandey

28-Dec-2021 09:02 AM

Nice one

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Abhinav ji

27-Dec-2021 11:49 PM

Very nice

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Aliya khan

27-Dec-2021 01:33 PM

Nice

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