Add To collaction

साथिया

साथिया तेरे बिन


साथिया  तेरे बिन दिल  लगता नहीं।

कोई शख्स ख्यालों में  बसता नहींं।


ज़ख्म सहने की अब आदत सी हो गई।

लगाओ कुछ भी इल्ज़ाम, फ़र्क पड़ता नहीं।


तेरे अल्फाज़ बस चुके दिल की गहराइयों में,

अब अल्फाज़ कोई सुकून दिल को देता नहीं।


अक्स को तेरे ही देखा चारो तरफ अपने।

कोई अक्स दिल के आईने को जँचता नहीं।


आशिक़ मिल जायेंगे कई उम्दा इस जहाँ में।

पर मेरे जैसा आशिक सबको मिलता नहीं।


तवज़्ज़ो दे रहे क्यों तुम हुस्न की सूरत को।

इश्क़ की सीरत पर नज़र क्यों टिकता नहीं।


तू खुश रहे सदा दुआ ये दिल से करते हैं।

मेरे ग़म से तेरा जब  कोई वास्ता नहीं।


क्या करें ये तन्हाई  जीने नहीं देती चैन से।

वर्ना  महफ़िलों में कहकहे यूँ लगाता नहीं।


स्नेहलता पाण्डेय "स्नेह"✍️✍️

नई दिल्ली


   7
2 Comments

Shilpa modi

01-Jun-2021 09:53 AM

Gazab ..heart touching lines

Reply

Kshama bajpai

31-May-2021 06:23 PM

सुन्दर ❤

Reply