साथिया

1 Part

204 times read

7 Liked

साथिया तेरे बिन साथिया  तेरे बिन दिल  लगता नहीं। कोई शख्स ख्यालों में  बसता नहींं। ज़ख्म सहने की अब आदत सी हो गई। लगाओ कुछ भी इल्ज़ाम, फ़र्क पड़ता नहीं। तेरे ...

×