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किताब

वह पूर्णिमा की रात थी। चारों तरफ बारिश और आंधी तूफान का शोर था। शहर से दूर एक बड़ी सी हवेली में, सबसे ऊपर की मंजिल पर बने एक कमरे की खिड़की से आता थोड़ा सा उजाला बाहर दूर तक फैले जंगल तक जा रहा था। उस खिड़की से आते उजाले में बारिश की बूंदे और आंधी की वजह से उड़ते छोटे मोटे पत्ते साफ नजर आ रहे थे। उस रोशनी से भरे कमरे में प्राकृत अपनी आराम कुर्सी पर बैठा, एक किताब को हाथ में लेकर देख रहा था। यह वही किताब थी जिसे वह आज शाम को ही बाजार से लेकर आया था। आंधी तूफान के कारण आपस में टकराते हुए खिड़की के पल्लों को बंद करने के लिए प्राकृत अपनी आराम कुर्सी से उठ बैठा। खिड़की के पल्लों को बंद करने के बाद वह वापस अपनी आराम कुर्सी पर जाकर बैठ गया और उस किताब का पहला पृष्ठ खोलकर पढ़ने लगा। किताब के पहले पृष्ठ पर लिखा था वह पूर्णिमा की रात थी। चारों तरफ बारिश और आंधी तूफान का शोर था। शहर से दूर एक बड़ी सी हवेली में, सबसे ऊपर की मंजिल पर बने एक कमरे की खिड़की से आता थोड़ा सा उजाला बाहर दूर तक फैले जंगल तक जा रहा था। उस खिड़की से आते उजाले में बारिश की बूंदे और आंधी की वजह से उड़ते छोटे मोटे पत्ते साफ नजर आ रहे थे। उस रोशनी से भरे कमरे में प्राकृत अपनी आराम कुर्सी पर बैठा, एक किताब को हाथ में लेकर देख रहा था। यह वही किताब थी जिसे वह आज शाम को ही बाजार से लेकर आया था। आंधी तूफान के कारण आपस में टकराते हुए खिड़की के पल्लों को बंद करने के लिए प्राकृत अपनी आराम कुर्सी से उठ बैठा। खिड़की के पल्लों को बंद करने के बाद वह वापस अपनी आराम कुर्सी पर जाकर बैठ गया और उस किताब का पहला पृष्ठ खोलकर पढ़ने लगा मगर प्राकृत नहीं जानता था कि यह किताब उसके जीवन में कितना बड़ा तूफान लेकर आने वाली थी। उस तूफानी रात में उसके जीवन से जुड़े सारे रहस्यों को उसके सामने उजागर कर देने के बाद यह तूफानी रात उसके जीवन की आखिरी रात होने वाली थी....

#किताब

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2 Comments

Natash

15-Jun-2021 12:02 PM

Bhut khoob

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Ravi Goyal

14-Jun-2021 10:40 PM

बहुत खूब 👌👌

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