किताब

1 Part

293 times read

6 Liked

वह पूर्णिमा की रात थी। चारों तरफ बारिश और आंधी तूफान का शोर था। शहर से दूर एक बड़ी सी हवेली में, सबसे ऊपर की मंजिल पर बने एक कमरे की ...

×