Shehla jawaid

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साहिल

साहिल पर आ कर बिखरती क्यों हैं 
मंज़िल पर आ कर ठिठकती क्यों हैं
समझे ना ज़िंदगी का फ़लसफ़ा कोई 
क़रीब आके हाथ से फिसलती क्यों है 
शहला जावेद

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8 Comments

Aliya khan

26-Jun-2021 08:13 PM

बहुत खूब

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बहुत अच्छे 👌👌

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Vfyjgxbvxfg

26-Jun-2021 04:34 PM

Bahut khoob

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