Harsh jain

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हकीकत

कहो हकीकत कहो फसाना लेकिन ये सच्चाई है! 

लाख बुराई भले हों उसमे पर ये भी अच्छाई है! 

सबकी खातिर शख्स कोई भी एक समान नही होता! 

मैं उसका हमदम हूँ गर तो वो ही मेरी परछाईं है!! 


            हर्ष जैन सहर्ष

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1 Comments

Ravi Goyal

02-Jul-2021 10:47 AM

Bahut khoob 👌👌

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