Alok shukla

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तरसे मेरे नैन...

मिलन की आहट पर भीगे मेरे नैन,

जुदाई की यादों पर रोते मेरे नैन,
सागर की तलहटी से गहरे मेरे भाव,
बिलखती तनहाई संग प्रेयसी को तरसे मेरे नैन।

अंतर्मन की चीख बयां करते हैं तेरे नैना,
इजहार की महक बिखेर रहे हैं तेरे नैना,
आज जुड़ने लगे दिलों के टूटे हुए तार,
इक??%

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3 Comments

Ravi Goyal

03-Jul-2021 10:28 PM

वाह बहुत खूब 👌👌

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Vfyjgxbvxfg

03-Jul-2021 07:01 PM

बेहतरीन

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Swati chourasia

03-Jul-2021 06:52 PM

Very nice 👌

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