Priyanka06

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लेखनी प्रतियोगिता -06-May-2022 सोचो! हम बुजुर्ग हैं या वयस्क

रचयिता-प्रियंका भूतड़ा

शीर्षक-सोचो! हम बुजुर्ग हैं या वयस्क

सोचो! हम बुजुर्ग हैं या वयस्क।
काम करते हो हर समय।।
कब बैठे हो निठल्ले!

सोचो! हम बुजुर्ग हैं या वयस्क।

तुम क्यू कहते हो हम बुजुर्ग है,
तुम तो आज के वयस्क हो।

बुजुर्ग होने पर लगता जैसे आखरी रात हो,
वयस्क को लगता है जैसे ,
सांझ ढले नया सवेरा की शुरुआत हो।

सोचो !हम बुजुर्ग है या वयस्क।

बुजुर्ग होने पर अपनी आखिरी सांस गिनता  है,
वयस्क कहलाने पर कितनी बची है सांसे यह कहता है।

सोचो! हम बुजुर्ग है या वयस्क।

बुजुर्ग होने पर कहते हैं कुछ नहीं बचा जिंदगी में,
वयस्क महसूस करता है आगे क्या बचा जिंदगी में।

सोचो !हम बुजुर्ग हैं या वयस्क।

बुढ़ापा छुपाने का करता है मन,
वयस्क  दिखाते हैं आगे बढ़ने की अभिव्यक्ति।

सोचो! हम बुजुर्ग हैं या वयस्क।

बुढ़ापा पुरानी रीति-रिवाजों में रहता उलझा,
वयस्क नयी रीति-रिवाजों में रहता सुलझा।

सोचो! हम बुजुर्ग हैं या वयस्क।

बुढ़ापा पुरानी यादें का लेकर बैठा पिटारा,
वयस्क पुरानी यादों को नया बनाने का बना रहा पिटारा।

सोचो! हम बुजुर्ग हैं या वयस्क।

बुढ़ापा नयी पीढ़ी पर अपनी बातें थोपता,
वयस्क तरुण युवा पीढ़ी को बातें समझाने की सोचता।

सोचो! हम बुजुर्ग हैं या वयस्क।

बुजुर्ग बनकर ना करो जिंदगी में उलझन,
वयस्क बनकर करो जिंदगी में सुलझन।

सोचो! हम बुजुर्ग हैं या वयस्क।

"वयस्क बनकर करो जिंदगी की नई शुरुआत,
बूढ़े पन की सोच को करो तुम समाप्त।
जिंदगी में कभी नहीं आएगा दुःख,
आरंभ करो अपनी नई जिंदगी के तरीके।
अपने आप सीख जाओगे नये सलीके।।"










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11 Comments

Reyaan

09-May-2022 05:10 PM

Very nice

Reply

Neelam josi

07-May-2022 06:43 PM

बहुत खूब

Reply

Punam verma

07-May-2022 07:39 AM

Very nice

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