Sapna shah

Add To collaction

जुदाई

प्रेम प्रतिक्षा पूर्ण जीवन ,
क्षणभर का मिलन, जुदाई मिलीं आजीवन...!!

विरह गीत में बरसों बीते 
दरस को तेरे नयना तरसे
शाम धुन बीन सुनी ना कबसे 
प्रतिक्षा कर बावरा मन तरसे..!!

तरसते नैना प्यासे रह गए 
ओझल हुआ आँखो से मनभावन 
प्रीत हमारी समझ ना पाए कोई 
नासमझ दिल तडपा यूहीं ..!!

बांवरा मन भटके वन वन 
बुझ ना पाए इसकी जलन
दिन रात दिल आस लगाए 
कभी तो प्रीतम दस्तक लगाए...!!

अधूरा इश्क ,अधूरे हम
इंतजार में बीता जीवन 
राह ताक ताक थक गए 
बिन बरसात बरस जा सावन 
बन राधा प्रतिक्षा करती साजन..!!

जुदाई अब सही ना जाए 
श्याम श्याम करे बांवरा मन 
आ जाओ मेरे गोकुल नंदन....!!











   7
14 Comments

Pawan kumar chauhan

16-Jul-2021 11:45 AM

Shaandar

Reply

Sapna shah

17-Jul-2021 11:44 AM

🙏

Reply

Prafulla Jain

16-Jul-2021 10:12 AM

Fantastic

Reply

Sapna shah

17-Jul-2021 11:45 AM

🙏

Reply

Niraj Pandey

15-Jul-2021 05:50 PM

वाह बहुत खूब👌

Reply

Sapna shah

15-Jul-2021 06:15 PM

Thank u 😊🙏

Reply