जुदाई
प्रेम प्रतिक्षा पूर्ण जीवन ,
क्षणभर का मिलन, जुदाई मिलीं आजीवन...!!
विरह गीत में बरसों बीते
दरस को तेरे नयना तरसे
शाम धुन बीन सुनी ना कबसे
प्रतिक्षा कर बावरा मन तरसे..!!
तरसते नैना प्यासे रह गए
ओझल हुआ आँखो से मनभावन
प्रीत हमारी समझ ना पाए कोई
नासमझ दिल तडपा यूहीं ..!!
बांवरा मन भटके वन वन
बुझ ना पाए इसकी जलन
दिन रात दिल आस लगाए
कभी तो प्रीतम दस्तक लगाए...!!
अधूरा इश्क ,अधूरे हम
इंतजार में बीता जीवन
राह ताक ताक थक गए
बिन बरसात बरस जा सावन
बन राधा प्रतिक्षा करती साजन..!!
जुदाई अब सही ना जाए
श्याम श्याम करे बांवरा मन
आ जाओ मेरे गोकुल नंदन....!!
Pawan kumar chauhan
16-Jul-2021 11:45 AM
Shaandar
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Sapna shah
17-Jul-2021 11:44 AM
🙏
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Prafulla Jain
16-Jul-2021 10:12 AM
Fantastic
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Sapna shah
17-Jul-2021 11:45 AM
🙏
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Niraj Pandey
15-Jul-2021 05:50 PM
वाह बहुत खूब👌
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Sapna shah
15-Jul-2021 06:15 PM
Thank u 😊🙏
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