क्षणिकाएं–५

क्षणिकाएं–५

(१)

इश्क़ मुकम्मल हो तो बनते हैं घराने
मुक्कमल न हो तो बनते हैं अफसाने।।

(२)

जल्द ही फिर से उठेंगे तूफान बनकर
अभी जिंदगी की मरम्मत जारी है।।

(३)

कल मिला वक़्त तो....
दुनिया की नफरत की भी सोचेंगे
आज जी भर के प्रेम तो कर लूं तुझे ए जिंदगी।।

(४)

सपने उड़ान लेने को पर तौल रहे
बाधाओं के गिद्ध आकाश में डोल रहे
खतरा तो हर ओर है, नीचे नाकामियों की खाई है
उड़ेंगे तो छु लेंगे आसमान, गिरे तो फिर से उठने की कसम खाई है।।

आभार – नवीन पहल –२२.०५.२०२२ 🙏💐🌹

# नॉन स्टॉप 2022


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4 Comments

Seema Priyadarshini sahay

22-May-2022 07:36 PM

बेहतरीन

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शानदार जानदार क्षणिकाएं 👌👌🙏🙏

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Neelam josi

22-May-2022 03:41 PM

👌👏

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