क्षणिकाएं–५

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क्षणिकाएं–५ (१) इश्क़ मुकम्मल हो तो बनते हैं घराने मुक्कमल न हो तो बनते हैं अफसाने।। (२) जल्द ही फिर से उठेंगे तूफान बनकर अभी जिंदगी की मरम्मत जारी है।। (३) ...

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