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वक्त



आज़ वक्त मेरा आया है।
फ़िर से एक ख़्वाब जेहन में आया है।।
किसी को जानने की ख्वाहिश नहीं अब,
ख़ुद को सुनने का फितूर छाया है।
किसी पर मर-मिटने की चाहत नहीं अब,
ख़ुद के लिए जीने का जुनून छाया है।।
आज़ वक्त मेरा आया है।
फ़िर से एक ख़्वाब जेहन में आया है।।

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15 Comments

Rahman

19-Jul-2022 09:29 AM

Bhut khoob

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Seema Priyadarshini sahay

18-Jul-2022 04:12 PM

बेहतरीन👌👌

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Lekhashriee (Shobha Gupta)

18-Jul-2022 08:17 PM

शुक्रिया 🙏🙏

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Punam verma

18-Jul-2022 08:21 AM

Nice

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Lekhashriee (Shobha Gupta)

18-Jul-2022 08:19 PM

Thanks

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