Madhu Arora

Add To collaction

संसार

सारा  तेरी अदालत है
वाह रे ईश्वर तेरी क्या कुदरत है।

कभी बनता कभी मिटाता है
सारे संसार को तेरी ज़रूरत है।

मिल कर रहे सारे यहां भला
उसमें दिखती तेरी इबादत है।

पता नहीं कैसी ये सृष्टि रची
दिखती हर जगह तेरी हिम्मत है।

लोग हैं भले बुरे मधु सब यहांँ
अच्छे लोगो की यहांँ सदा जुर्रत है।।
                रचनाकार ✍️
                मधु अरोरा
   

   14
7 Comments

Punam verma

21-Jul-2022 09:23 AM

Very nice

Reply

Abhinav ji

21-Jul-2022 08:50 AM

Nice 👍

Reply

Swati chourasia

21-Jul-2022 06:39 AM

बहुत खूब 👌

Reply