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नींव हिली है!



चाहिए फूलों का सेज सबको, बड़े नाज़ो से पली है
कांटों से दूर रखना इसे अभी, ये तो कच्ची कली है।

कच्चे खिलौने दिखाकर   हड़प जाते दौलत सारी
न छूना इनको टपक पड़ेंगी, ये शहद की डली है।

दौलत का ख्याल मन में, दिखावा करते सेवा का
बंद करो बहकना अब, इनके मुंह में मिश्री घुली है।

आते ही चुनाव, निकल पड़ेंगे सब नंगे सड़क पर
देखो इन महलवालों को, हमारी फिक्र हो चली है।

फिर से दिखाएंगे सपने कई, उड़ा ले जायेंगे कहीं
देख मेरे शहर की, वही गड्ढे वाली पुरानी गली है।

पिघल न जाना बातों से, धोखा ही लहू है इनका
रोते-रोते अपना गुण गायेंगे, सब के सब नकली हैं।

"मन" कैसे इमारत मजबूत हो सकती है बता भला?
यहां तो इस राजनीति की, नींव जड़ सब हिली है।

#MJ

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9 Comments

Niraj Pandey

07-Aug-2021 01:01 PM

बहुत ही शानदार👌👌

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Seema Priyadarshini sahay

06-Aug-2021 08:52 PM

बहुत खूबसूरत।

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Thank you

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Mukesh Duhan

06-Aug-2021 07:17 PM

Bhut सुंदर रचना

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Dhanyawad

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