आएगा
🌹🌹🌹🌹ग़ज़ल 🌹🌹🌹🌹
रेग ए रवाँ भी आएगी दरिया भी आएगा।
यह है मुह़ाज़े इ़श्क़ याँ सहरा भी आएगा।
रहता नहीं है एक सा मौसम कभी जनाब।
अब दौर है ख़राब तो अच्छा भी आएगा।
ढलने पे जब भी आएगी शब देखना सनम।
सूरज के साथ घर में उजाला भी आएगा।
अफ़सुर्दा अपनी हार पे होता है किसलिए।
आया है गर ग़ुलाम तो राजा भी आएगा।
रोके से रुक न पाएगा मेह़फ़िल में दोस्तो।
आएगा ह़ुस्ने नाज़ तो शैदा भी आएगा।
कब तक भला सताएगी मूज़ी बला हमें।
आया है गर मरज़ तो मदावा भी आएग।
फ़ेहरिस्त वो बनाएँगे अपनों की जब फ़राज़।
उनकी ज़बाँ पे नाम हमारा भी आएगा।
सरफ़राज़ हुसैन फ़राज़ मुरादाबाद उ0 प्र0।
🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹
Muskan khan
02-Aug-2022 05:30 PM
👌👌
Reply
Milind salve
02-Aug-2022 08:50 AM
शानदार प्रस्तुति 👌
Reply
shweta soni
01-Aug-2022 10:56 PM
बहुत सुंदर रचना 👌
Reply