Aliya khan

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राहें



तेरी रूठी हुई तकदीर को सवारने है मुझे 

जो मिलना सकी कभी मंज़िले उसे ढूढना है मुझे 

अपनों के ही दिए जख्मों का सताया हुआ है तू 

हर एक जख्मों से तुझको उभारना है मुझे 

तेरी आँखो की नमी को भी महसूस कर लेती हुँ मै 

उन अश्कों की बरसातों को भी अब थामना है मुझे 

यादों की हवाए जो चलने लगी है बिन मौसम 

उस अँधियो से भी तुझे बचाना है मुझे 

जो प्यार तू ज़िन्दगी मे किसी से ना पा सका 

उस इश्क़ की गहराईयों से चाहना है मुझे 


आलिया खान...  ✍️✍️      





 

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8 Comments

Visu kesharwani

20-Apr-2021 09:41 AM

👌👌

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excellent

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Satesh Dev Pandey

13-Mar-2021 10:20 PM

बहुत सुन्दर

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