राहें

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तेरी रूठी हुई तकदीर को सवारने है मुझे  जो मिलना सकी कभी मंज़िले उसे ढूढना है मुझे  अपनों के ही दिए जख्मों का सताया हुआ है तू  हर एक जख्मों से ...

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