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तो बात हो

तो बात हो!




इन ख़्यालों से निकले तो बात हो
दूर कुछ इनसे चले, तो बात हो।

बिखरे हुए से सब खुद में यहां
कोई खुद से सम्भले, तो बात हो।

वफ़ा की आग सब झुलस गए
कोई बेवफाई से पिघले, तो बात हो।

अब देखी ही कहाँ है  ये दुनिया
इस पिंजरे से निकले, तो बात हो।

हर रात उसकी यादों से दर्द भरे
थोड़ी खुशियों पर फिसले, तो बात हो।

एक ही तरह से लिखे  सबकी मुकद्दर
थोड़ा ये रब कभी बदले, तो बात हो।

सब ठहर जाएंगे देकर इल्जाम इश्क़ को
कोई मंजिल तक लिए दर्द चले, तो बात हो।

#MJ

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5 Comments

Swati chourasia

14-Aug-2021 08:55 PM

Very beautiful 👌👌

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Dr. SAGHEER AHMAD SIDDIQUI

14-Aug-2021 08:12 PM

Ba bahr ashaar likhe hai aapne....wah sir

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Ravi Goyal

14-Aug-2021 07:56 PM

Waah bahut khoob 👌👌

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