Champa rautela

Add To collaction

शब्द

शब्द सिकुड़ गए  ,,



मैंने पाया मेरे शब्द अब पहले जैसे नहीं रहें, 
वो ठोकर से दूर भागने लगे हैँ, 
किसी उलझन को  सच्च मानकर, 
झूठ को सच्च साबित करने लगे हैं, 

सिकुड़ से गए है, 
शोर बनकर ख़ुद से लड़ने लगे है, 
आंसू को छुपाकर, 
अकेले में रोने लगे हैं, 



   21
7 Comments

Babita patel

12-Mar-2023 03:56 PM

v. nice

Reply

Radhika

09-Mar-2023 12:56 PM

Nice

Reply

Gunjan Kamal

06-Mar-2023 09:01 AM

Nice 👍🏼

Reply