इंकार
पुराने रस्म रिवाजों को
औरतों के कंधे लाद दिया
नाम देकर संस्कारों का
भार हम पर थोप दिया
छिनकर आजादी हमारी
महान हमें बना दिया
घर की चार दीवारों में
जहान हमें दिखा दिया
दुनिया की चकाचौंध में
नारी शोभा बढाती गयी
सारे हक्क पुरूषों के हाथ देकर
नारी बराबरी से मुकर गयी
बनावटी इस दुनिया के
दिखावटी बातों से हमें ऐतराज है
अपने स्वाभिमान के लिए
झूठी खुशियों से हमें इंकार है ...!!
🌹🌹🌹 सपना 🌹🌹🌹
Raziya bano
05-Jun-2022 07:57 AM
Beautiful
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Niraj Pandey
25-Aug-2021 05:28 AM
वाह
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Zakirhusain Abbas Chougule
25-Aug-2021 04:36 AM
Nice
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Sapna shah
25-Aug-2021 05:16 AM
Thanks
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