Champa rautela

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कविता

ठंड की हवा तुम, 


जैसे अचानक धूप में हवा का छोर, 
वेसे ही अचानक सी आहट में तुम्हारा होना ,
खतों से शब्द बाहर आ गए ,
मानो यादों के दरवाज़े हकीकत बन गए, 

ठंड की हवा तुम, 
रंगों में इश्क से, 
पानी में संगीत से, 
लेखनी में कवि तुम, 
तुम और हम पराये से,,

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7 Comments

Gunjan Kamal

16-Nov-2022 07:14 PM

शानदार प्रस्तुति

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Ayshu

16-Nov-2022 06:24 AM

Nice

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Very nice 👌🌺

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