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वृक्ष





साेचती हूं काश 
मैं भी एक वृक्ष होती
जड़े मेरी मजबूत हाेती 
हरियाली से भरी हाेती, 
आस,  पास,बने
चिडियाें के घाेसले 
ओर उनकी चहचहाहट, 
की गूंज 
 मेरे कानाे मैं  गुंजती 
काश मैं भी एक    वृक्ष होती 
हवा चलती रहती चाराेै ओर से 
फूलों से खूबसूरत लदी डालीयाँ 
खुशबू का झाेका ओर 
महक मेरे नथूनाै मैं हाेती 
काश मैं एक वृक्ष होती 


 स्वरचित अनुराधा सांडले

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6 Comments

Zakirhusain Abbas Chougule

29-Nov-2022 06:12 PM

Nice

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Haaya meer

26-Nov-2022 07:12 PM

Superb 👍

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Punam verma

26-Nov-2022 08:31 AM

Very nice

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