लेखनी कहानी - सुनसान रास्ता - डरावनी कहानियाँ
सुनसान रास्ता - डरावनी कहानियाँ
मित्रो मेरा नाम काश्वी है और मै महाराष्ट्र की रहने वाली हु | ये मेरे साथ घटित सच्ची घटना है जब मै दसवी कक्षा में पढ़ती थी |हमारे स्कूल ने हमे मैसूर में घुमने का प्रोग्राम बनाया था | हमको उस दिन सुबह 10 बजे स्कूल बुलाया था |
उस ट्रिप के लिए हमारे स्कूल ने 12 गाडियों का आयोजन किया था | हमारी गाडी सबसे अंत में खडी थी | हम सारी सहेलिया गाडी में बैठ गयी थी | कुछ ही देर में फिर गाडी रवाना हो गयी |
हम सारी सहेलिया रास्ते में गाते ,गुनगुनाते, हँसते खेलते जा रहे थे | हमको रास्ते में एक घने जंगल से गुजरना पड़ा | उस रस्ते पर दूर दूर तक कोई इन्सान का नामो निशान नहीं था |
उस रास्ते से गुजरते वक़्त मुझे अजीब सी घुटन महसूस होने लगी | हमारी गाडी उस रास्ते से गुजरते वक़्त जंगल के बीच में अचानक पंचर हो गयी | हमारी गाड़ी को वही रोकना पड़ा | हमारी मैडम ने हमे गाडी से नीचे उतरने को कहा |
हम सारी सहेलिया गाडी से नीचे उतर गयी | हमारी मैडम से दुसरी गाडियों में बैठी मैडमो को गाडी पंचर का बताया और उनको रुकने से मना किया और कहा कि पंचर में थोडा समय लग सकता है |
नीचे उतरने के बाद ड्राईवर में हमे बताया कि यहा से 200 मीटर की दूरी पर एक छोटी सा ढाबा है आप सभी लोग वहा जाकर चाय नाश्ता कर लीजिये और मै गाड़ी का टायर बदल कर आता हु |
हमारी मैडम बस के पास खडी रही और हम पचासों लडकिया पैदल चल पडी | वो जंगल इतना घना था कि केवल जंगली जानवरों की आवाज़े सुनाई दे रही थी | सभी उस ढाबे पर पहुचे | वहा से बुढा सा आदमी चाय बना रहा था |
उसे देखकर मुझे एकदम से चक्कर जैसा महसूस हुआ और मैंने उससे नजरे हटा ली | हम सभी लडकियों ने वहा पर चाय पी | तभी थोड़ी देर में वहा जोर से किसी औरत के चीखने की आवाज़ सुनाई दी | ऐसी आवाज़ सुनकर मै और मेरी सहेलिया बुरी तरीके से डर गयी | तभी वो बुढा आदमी लंगड़ाता हुआ जोर से जंगल की ओर भागा | तभी मेरी एक सहेली को उल्टिया होने लगी |
हमने तुरंत मैडम को फ़ोन लगाया लेकिन फोन पहुच से बाहर बता रहा था | हम सभी लडकिया उस जगह पहुचे जहा बस खडी थी | जब हम वहा पहुचे तो हमारे होश उड़ गए कि बस कहा गायब हो सकती है | हम सभी बुरी तरीके से सहम गए थे और हम सब उसी ढाबे पर चले गए | वो बुढा आदमी भी वापस आ गया था और उसने बताया कि अक्सर इस जंगल में ऐसी चीखे आती रहती है और मुझे जंगल में कोई नहीं मिलता | उस बूढ़े आदमी की बात सुनकर हम ओर ज्यादा डर गए |
तभी अचानक हमारी बस आ गयी और हम सारी लडकिया बस में बैठ गयी | हमने मैडम को पूछा कि बस कहा गायब हो गयी थी तो मैडम ने कहा टायर तो बदल दिया था लेकिन डीजल भरवाने के लिए पीछे के पेट्रोल पंप पर गए थे | ये सुनकर हमारी जान में जान आयी | मेरे सारी सहेलिया उस बूढ़े आदमी को बाय बाय कर रही थी | थोड़ी देर चलने पर मैंने जैसे ही पीछे मुडकर देखा तो वो ढाबा ढस गया था |
मै जोर से चिल्लाई और ड्राईवर को सब बताया और ड्राईवर ने गाडी मोडकर उस ढाबे तक गए | गाडी से नीचे उतरकर देखा तो ढ़ाबा तो पुरी तरह नष्ट हो गया था लेकिन वो बूढा आदमी गायब था और कही नजर नहीं आया | हम सभी फिर से बस में बैठकर रवाना हो गए | मै गाडी में पीछे की तरफ ही देख रही थी और मुझे उस ढाबे के पास पेड़ के पत्तो से लहराती सफ़ेद आकृतिया दिख रही थी |
तभी ड्राईवर ने बताया कि इस जंगल में हमेशा कुछ अजीब घटनाये होती रहती है जिसकी असलियत कोई नहीं जान पाया | हम सुरक्षित मैसूर पहुच गये | मित्रो हालांकि मुझे इन सब चीजो को पूर्वाभास हुआ था लेकिन ये पता नहीं था कि ये हकीकत बन जाएगा | आज भी मैसूर ट्रिप की घटना को याद करती हु तो मै बहुत सहम जाती हु और मेरे मन में यही सवाल घूमते है कि उस सुनसान जंगल में वो बुढा आदमी कौन था क्या वो कोई भूत था और वो कहा चला गया |