लेखनी कहानी -मायानगरी की एक आत्मा ,जो किसी को नहीं पहुचाती है नुकसान - डरावनी कहानियाँ
मायानगरी की एक आत्मा ,जो किसी को नहीं पहुचाती है नुकसान - डरावनी कहानियाँ
आज हम आपको भारत की आर्थिक राजधानी और बॉलीवुड नगरी मुंबई की ऐसी जगह के बारे में बताने जा रहे है जो भारत के दस प्रेतबादित स्थानों में पाचवे स्थान पर है औ इससे एक डरावनी दास्तान से जुडी है | अगर हम भगवान में विश्वास करते है तो हमे शैतान पर भी विश्वास करना पड़ेगा | आइये पढ़े डिसूजा चॉल की कहानी………
मुंबई के माहिम में कैनोसा प्राइमरी स्कूल के पास एक ऐसी चॉल है जहा परलौकिक शक्तियों को अनुभव किया गया है | यहा के निवासी इन रूहानी ताकतों के कब्जे में कई बार आ चुके है | इस चॉल के बारे में वहा के स्थानीय लोगो का मानना है कि आज से 25 वर्ष पहले इस चॉल में सुलोचना नाम की महिला रहने को आयी थी | वो एक दिन रात को कुए से पानी भर रही थी तभी फिसलन की वजह से उसका पैर फिसल गया जिससे वो महिला कुए में गिर गई | कुए में गिरने के कई देर तक वो मदद के लिए चिल्लाई लेकिन चॉल में रहने वाला कोई भी उसकी मदद के लिए नहीं आ सका और कुए में पानी में दम घुट जाने की वजह से उसकी मौत हो गयी | मौत की वजह बताया जाता है कि उस कुए के चारो और कोई दीवार नहीं थी |
स्थानीय लोगो का कहना है कि इस घटना के बाद उस महिला की आत्मा इस कुए के इर्द गिर्द घुमती रहती है | जो कोई रात को उस कुए के नजदीक से गुजरता है तो उन्हें वो औरत दिखाई देती है लेकिन वो किसी को नुकसान नहीं पहुचाती है | राम साकेत बिल्डिंग के कंपाउंड के इस कुए को अब सील कर दिया गया है ताकि वो आत्मा किसी को नुकसान ना पहुचाये हालंकि वो किसी को परेशान नहीं करती है | यहा रहने वाला एक बुढा आदमी उस औरत को जानता था और उसका कहना है कि हर अमावस को उसकी आत्मा यहा जरुर आती और सुबह गायब हो जाती है | इस चॉल के मालिक जिनका नाम रिचर्ड है वो भी रोज़ इस कुए के पास फल फुल चढ़ा जाते है ताकि उस औरत की आत्मा शांत ही रहे