लेखनी कविता - गाँधीजी के बन्दर तीन - बालस्वरूप राही
गाँधीजी के बन्दर तीन / बालस्वरूप राही
गाँधीजी के बन्दर तीन,
सीख हमें देते अनमोल ।
बुरा दिखे तो दो मत ध्यान,
बुरी बात पर दो मत कान,
कभी न बोलो कड़वे बोल ।
याद रखोगे यदि यह बात ,
कभी नहीं खाओगे मात,
कभी न होगे डाँवाडोल ।
गाँधीजी के बन्दर तीन,
सीख हमें देते अनमोल ।