Madhu varma

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लेखनी कविता - गाँधीजी के बन्दर तीन - बालस्वरूप राही

गाँधीजी के बन्दर तीन / बालस्वरूप राही


गाँधीजी के बन्दर तीन,
सीख हमें देते अनमोल ।

बुरा दिखे तो दो मत ध्यान,
बुरी बात पर दो मत कान,
कभी न बोलो कड़वे बोल ।

याद रखोगे यदि यह बात ,
कभी नहीं खाओगे मात,
कभी न होगे डाँवाडोल ।

गाँधीजी के बन्दर तीन,
सीख हमें देते अनमोल ।

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