Madhu varma

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लेखनी कविता -तिरंगा - बालस्वरूप राही

तिरंगा / बालस्वरूप राही


बड़ा अनोखा, रंग-बिरंगा,
लाल किले पर सजा तिरंगा।
जब भी इसको फहराते हैं,
'जन-गण-मन' मिलकर गाते हैं।

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