Madhu varma

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लेखनी कविता -हिमालय - बालस्वरूप राही

हिमालय / बालस्वरूप राही


केवल ऊँचा नहीं हिमालय,
दर्पण- सा निर्मल भी है,
इसमें मानसरोवर वाला
अमृत जैसा जल भी है।

यह ऋषियों की तपोभूमि है,
यहाँ देवता बसते है,
इसमे स्वर्गलोक तक जाने-
वाले अद्भुत रहते है।

केवल मुकुट नहीं भारत का
रक्षक बना अनूठा है,
इसे जीतने का दावा जो
भी करता वह झुठा है।

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