शेर

1222//1222//1222//१२२२

हजारों तोहमतें हम अपने सर रखकर  निकल आये
हुए महफ़िल में उसकी रुसवा तो रोकर निकल आये//

लवो को चूम   लूँ उसके यही तो  चाहती थी वो
मगर हम  गाल उसका हाथ से  छू कर निकल आये//

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2 Comments

Gunjan Kamal

05-Jan-2023 08:31 PM

बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति 🙏🏻🙏🏻

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शुक्रिया mam

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