शेर

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1222//1222//1222//१२२२ हजारों तोहमतें हम अपने सर रखकर  निकल आये हुए महफ़िल में उसकी रुसवा तो रोकर निकल आये// लवो को चूम   लूँ उसके यही तो  चाहती थी वो मगर हम  गाल ...

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