छुपे हैं ऐब जो उसको तू बेनकाब न कर। खुदा पे छोड़ किसी का भी तू हिसाब न कर

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छुपे हैं ऐब जो उसको तू बेनकाब न कर। खुदा पे छोड़ किसी का भी तू हिसाब न कर। बुरा हूं लाख मगर तू बना रहे अच्छा, बुराई देखकर अपनी नजर ...

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