तोडा मैंने कुछ ऐसे रिश्ते, जो थे बिन मतलब के.... मुर्दा जिस्म को ज़िंदा  दिखाने का ढोंग किये.... मन में न कोई उदासी न टूट जाने का संताप.... हैरान हूं ये ...

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